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________________ ग्रंथ का नाम कर्ता नाम गच्छ रचना संवत् विक्रमी रचनास्थान खरतर. खरतर 17वीं 1659 फलाद्ध जैसलमेर 139. फलद्धिमण्डन पार्श्वजिन स्तोत्र सूरचन्द्रोपाध्याय 140. भावारिवारण पादपूर्ति स्तोत्र स्वोपज्ञ टीका पद्मराज गणि सह 141. रुचितदण्डक स्तुति टीका पद्मराज गणि 142. लघुशान्तिस्तव टीका गणविनयोपाध्याय 143. विक्रमपुर आदीश्वर स्तोत्र धर्मवर्द्धन 144. विशाललोचन स्तुति टीका कनककुशल 145. शतदलकमलमय पार्वजिन स्तव सहजकीर्ति उपाध्याय 146. शाश्वतजिन स्तव टीका शिवनिधानोपाध्याय 147. सत्यपुरमण्डन महावीरजिन स्तव जिनवर्द्धनसूरि 148. सप्तस्मरण स्तोत्र टीका समयसुन्दरोपाध्याय 149. स्वर्णगिरि पार्वजिन स्तोत्र जिनरत्नसूरि प्र. 150. हरिभक्तामर कवीन्द्रसागरसूरि खरतर. खरतर. तपा. खरतर. खरतर. खरतर. खरतर. खरतर. खरतर. 1644 1659 18वीं 1653 1675 1652 जैसलमेर बैनातट (बिलाड़ा) बीकानेर सादड़ी लौद्रवा सांभर सांचौर जालौर जालौर मेड़तारोड 15वीं 1695 14वों 21वीं 80 न्याय-दर्शन:-- 151. तर्कसंग्रह टीका 152. प्रमाणवादार्थ 153. प्रमालक्ष्म स्वोपज्ञ टीका सह 154. षट्दर्शन समुच्चय टीका 155. सप्तपदार्थी टीका . कर्मचन्द्र यशस्वत्सागर जिनेश्वरसूरि प्र. सोमतिलकसूरि भावप्रमोद खरतर. तपा. खरतर. खरतर खरतर. 1824 1759 1080 1392 1730 नागौर संग्रामपुर (सांगानेर) जालौर आदित्यवर्द्धनपुर बैनातट (बिलाडा)
SR No.003178
Book TitleRajasthan ka Jain Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaysagar
PublisherDevendraraj Mehta
Publication Year1977
Total Pages550
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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