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पृथ्वी संबंधी कुछ नवीन तथ्य
[१३३ बाबा आदम के जमाने का १० करोड़ | कुछ विद्वानों ने इस के बारे में निम्न प्रकार वर्ष बूढ़ा यह कीड़ा पृथ्वी की सतह के नीचे के | की संगति बिठाई हैं:पानी में रहता है और बरसात के दिनों में । भरत-क्षेत्र की सीमा पर जो हैमवत (लघु कुओं में पानी अधिक होने से इनके बन्धुओं | हिमवंत) पर्वत है, उससे महागंगा और महासिन्धु की संख्या अधिक दिखाई पड़ती है। ! दो नदियां निकलकर भरत-क्षेत्र में बहती हुई ___ बरसात में कुओं में यह कीडे इतने बढ़ लवणसमुद्र में पूर्व पश्चिम तक गिरी है। जहां ये जाते हैं कि कोई भी इन्हें आसानी से देख | दोनों नदियां समुद्र में मिलती है, वहां से लवणसकता है। बनारस छावणी के 'केशर महल' में | समुद्र का पानी आकर भरत-क्षेत्र में भर गया है, नहाने के लिए पानी कुएँ से मशीन से पम्प | जो आज पांच महासागरों के नाम से पुकारा किया जाता था वहां गुसलखाने (स्नानागार) | जाता है, तथा मध्य में अनेक द्वीप से बन गए के नहाने के टबों में भी ये कीड़े काफी संख्या हैं, जो एशिया, अमेरिका आदि कहलाते हैं। में उपस्थित पाये गये।
इस प्रकार आजकल जितनी पृथ्वी जानने में आई ___ यह छोटा कीड़ा इस प्रकार सुन्दरता के | हैं, वह सब भरत-क्षेत्र में है।" साथ पृथ्वी के आदिम युग की कहानी और उपर के कथन से यह बात अच्छी तरह अमेरिका, आस्ट्रेलिया और भारत की प्राचीन समझ में आ जाती है कि "पृथ्वी इतनी बड़ी है एकता की कहानी भी बहुत पटु सुनाता है। कि इसमें एक-एक सूर्य-चन्द्रमा से काम नहीं ___"ऐसा प्रतीत होता है कि दक्षिण भारत | चल सकता । केवल जम्बूद्वीप में ही दो सूर्य
और सुदूर पूर्व के ये द्वीप-समूह किसी अतीत | और दो चन्द्रमा है'।" काल में अखण्ड और अविभक्त प्रदेश था'"। कुछ दिन पहले जापान के किसी विज्ञान
भू-भाग के विविध परिवर्तनों को ध्यान में | वेत्ताने भी यही बात प्रगट की कि-जब भरत रखकर कुछ जैन-मनीषियों ने आगमोक्त और | और ऐरावत में दिन रहता है, तब विदेशों में वार्तमानिक भूगोल की संगति बिठाने का यत्न | रात होती है । इस हिसाब से समस्त भरतकिया है।
क्षेत्र में एक साथ ही सूर्य दिखाई देना चाहिए इसके लिए यशोविजयजी द्वारा सम्पादित | और अमेरिका, एशिया में जो रात-दिन का 'संग्रहणी' द्रष्टव्य है।
अन्तर है वह नहीं होना चाहिए, परन्तु भरत१-'आज-वर्ष २, संख्या ११ मार्च १९४७ । फिलिपाइन और उसके वासी-ले० आर. वेंकटरामन् ।
१-इंगलिशमेन ता० १६ सितम्बर १९२२ के अंक में लिखता है कि-"वैनगनुई कारखाने के स्वामी मि० वाई द्वारा न्यूजीलैंड में बनाई गई १२ इञ्ची दूरबीन द्वारा मैसर्स टाऊनलैंड और हार्टने हाल ही में हवेरामें दो चन्द्रमाओं को देखा । जहां तक मालूम हुआ यह पहला ही समय है जब न्यूजीलैंड में दो चन्द्रमा दिखाई दिए ।
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