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तत्त्व ]
नवतत्त्व संग्रह
(१४०) वैक्रिय शरीर के सर्वबंध, देशबंधनी स्थिति सर्वबंधनी स्थिति
ज० १ समय, उ० २ समय
१
समय
१
समुच्चय वैक्रिय
वायु वैक्रिय
प्रभा वैि
शेष ६ नरक, भवनपति १०, व्यंतर, जोतिषी, वैमानिक
तिर्यच पंचेन्द्रिय, मनुष्य
३
वायु, पंचेन्द्रिय तिर्यंच,
मनुष्य
ज०
शेष ६ नरक, भवनपति आदि यावत् सहस्रार
आनत से चैवेयक पर्यंत
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53
४ अनुत्तर वैमानिक
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55
35
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39
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29
(१४१) वैक्रियशरीरप्रयोगबन्धान्तरम्
13
सर्वबन्धान्तर
ज० अंतर्मुहूर्त, उ० वनस्पतिकाल वायु, मनुष्य, तिर्यंच पंचेन्द्रिय वैक्रिययन्त्रम् (१४३ )
रत्नप्रभा पुनरपि रत्नप्रभा
२
ओघवैक्रिय arrafor
पंचेन्द्रिय तिर्यच
ज० अंतर्मुहूर्त, उ० पृथक् पूर्व कोड ज० अंतर्मुहूर्त, उ० पृथक् पूर्व कोड
मनुष्य
(१४२ ) जीव हे भगव (न्) वायुकाय हुइने नोवायुकाय हुया फेर वायुकाय हुइ तो अंतरयत्रम्
देशबन्धान्तर
ज० अंतर्मुहूर्त, उ० वनस्पति
काल
देशबंधनी स्थिति
ज० १ समय, उ० १ समय ऊणा ३३ सागर
ज० १ समय, उ० १ अंतर्मुहूर्त
ज० अंतर्मुहूर्त अधिक १०,००० वर्ष, उ० वनस्पतिकाल
ज० ३ समय ऊणा १०, ००० वर्ष, उ० १ समय ऊणा १ सागर
सर्वबन्धान्तरम्
देशबन्धान्तरम्
| ज० १ समय, उ० वनस्पतिकाल ज० १ समय, उ० वनस्पतिकाल ज० अंतर्मुहूर्त, उ० पल्योपमनो ज० अंतर्मुहूर्त, उ० पल्योपमनो असंख्यातमो भाग असंख्यातमो भाग
to अंतर्मुहूर्त अधिक जिसकी जितनी जघन्य स्थिति, उ० वनस्पतिकाल ज० पृथक वर्ष अधिक जेहनी जितनी जघन्य स्थिति, उ० वनस्पतिकाल ज० पृथक वर्ष अधिक ३१ सागर, उ० संख्याते
सागर
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ज० ३ समय ऊणी जेहनी जितनी जघन्य स्थिति कहनी, उ० उत्कृष्टी स्थितिमे १ समय ऊणी कहनी
ज० समय, उ० १ अंतर्मुहूर्त
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ज० अंतर्मुहूर्त, उ० वनस्पतिकाल
to अंतर्मुहूर्त, उ० वनस्पतिकाल
ज० पृथक् वर्ष, उ० वनस्पतिकाल
ज० पृथक वर्ष अधिक, उ० संख्याते सागर
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