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________________ १३८ श्रीविजयानंदसूरिकृत [३ पुण्य १० हरि पेण महाहरि मोरा वर्ष राणी ३२५ ३२५ १५० ११जय विजय विप्रा वर्ष वर्ष वर्ष राणी ३०००३००० १०० 6 १२ब्रह्म-ब्रह्मभूत चूल. दत्त राजा वर्ष वर्ष वर्ष १६ ६०० महा-७ मी वर्ष ७ कंपिशुक्र नरक ७०० धनु लपुर नारायण ९ वासुदेव त्रिपृष्ठ | पुरुषपुंडरीक स्वयंभू लक्ष्मण कृष्ण पूर्व भव नाम विश्व दत्त मित्र पुनर्वसु गंगदत्त भूति सागरणद्रमसेन पूर्व भव आचार्य संभूति सुभद्र सुदर्शन शीतल श्रेयांस कृष्ण गंगदत्त , समित हुन निदान नगर श्रावस्ती पति राजगृह काकंदी कौशांबी मिथिला हस्तिना पिता नाम प्रजापति ब्रह्मा सौम्य रुद्र शिव महाशिर दशरथ वसुदेव कैकेयी की माता नाम मृगावती उमा पृथ्वी | सीता | अमृता लक्ष्मी | अवगाहना-धनु ८० ७० ६० । ५० । ४५ । २९ । गति-नरक सातमी छठी छठी छठी पांचमी छठी छठी चौथी त्रीजी आयु-वर्ष ८४ लक्ष ७२ लक्ष ६० लक्ष ३० लक्ष १० लक्ष सहस्र हजार सहस्र मधुकै. ९प्रतिवासुदेव अश्व- [मे]ता. मेरक ग्रीव सव निसुंभ बल प्रहलाद रावण जरा. सिंध (टभ) ९ बलदेव | अचल | विजय भद्र सुप्रभ सुदर्शन आनंद नंदन पचन बलभद्र विश्व- स(सु)- सागर ललित वराह पूर्व भव नाम नंदीबंध दत्त अपराधर्म - सेन | जित ललितांग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003176
Book TitleNavtattvasangraha tatha Updeshbavni
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj, Hiralal R Kapadia
PublisherHiralal R Kapadia
Publication Year1931
Total Pages292
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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