________________
श्रावक धर्म-अणुव्रत
अतिरिक्त (१) पृथ्वीकाय-कच्ची मिट्टी, गार, निमक (२) अप्पकाय-पानी, (३) तेऊकाय-चूला सगडी दीपक, (४) वायुकाय-पंखा ,हिंगराट, हिंडोला, झापट, (५) वनस्पति काय-उपयोग में आने वाली हरी साग, फल, पुष्प, का तोल से प्रमाण करना । (६) असि-हथियार, चाकू, कैंची, सरोता, सुई, सोया आदि का संख्या प्रमाण (७) मसी-दवात कलम पेन पेंसिल की गिनती। (८) कृषिहल, फावडा, कुदाली, घेती आदि इन सबका गिनती से प्रमाण करना।
सातवां व्रत के पालन में पांच अतिचार का ध्यान
१) सचित्त-वस्तु पान करने से (२) सचित्त प्रतिबंध आहार, सचित्त के साथ लगी हुई अन्य वस्तु पान करने से (३) अपक्क आहार, बिना पकी वस्तु पान करने से (४) दुष्पक आहार-अशुद्ध और मिश्रित पकी हुई वस्तु पान करने से (५) तुच्छौषधि-भक्षण-अर्थात् खाने में कम आवे और फैंकने में विशेष आवे ऐसी वस्तु जैसे गन्ना, बेर, अनार, सीताफल, टीमरु, खजूरा आदि इन सब का प्रमाण-त्याग आदि करना, इस प्रकार से पांच अतिचार लगते हैं, और पन्द्रह कर्मादान
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org