SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ श्रावक धर्म-अणुव्रत करने से धारा १८० में तीन महिने का कारावास अथवा पांच सौ रुपया दण्ड होता है (३) झूठी बात प्रतिज्ञा पूर्वक बयान करने से धारा १८१ में तीन साल का कारावास होता है (४) झूठा कलङ्क लगाने वाले को धारा १८२ में एक हजार रुपयों का दण्ड अथवा नौ माह का कारावास होता है (५) हत्या केस में मिथ्या साक्षी देने से धारा १६४ में मृत्यु दण्ड की सजा होती है (६) झूठा खत दस्तावेज लिखने से धारा १६५ में सात वर्ष तक का कारावास होता है (७) बनावटी दस्तखत या अंगूठे का चिन्ह बनाने से धारा ४७५ में सात वर्ष तक का कारावास होता है () बनावटी बहियां अथवा हिसाबी आंकड़ा बनाने से या बनाने वाले को सहायता देने से धारा ४७७ में सात वर्ष तक का कारावास होता है । यदि आपने दूसरा मृषावाद अणुव्रत ग्रहण किया है तो ऊपर बताये हुए अपराध आप नहीं करेंगे। आप इस व्रत को लेंगे तो व्यवहार में आपका मान बढ़ेगा, और उत्तम पुरुष की कोटि में आ जायेंगे । जब आप इस व्रत को ग्रहण करें तब गृहस्थ के नाते पांच बड़े झूठ बोलने का त्याग करदें (१) कन्या लग्न आदि में वय अथवा Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003175
Book TitleShravak Dharma Anuvrata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, C000, C005, M000, & M020
File Size3 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy