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________________ ___ श्रावक धर्म-अणुव्रत में दो सो रुपया दण्ड होता है (३) घात करने वाले को धारा ३०२ में मृत्यु दण्ड होता है (४) गर्भपात करने वाले को धारा ३१२ में सात वर्ष का कारावास होता है (५) आत्मघात का प्रयत्न करने वाले को धारा ३०६ में एक वर्ष का कारावास होता है (६) मृत बालक को गुप्त गाड़ दे तो धारा ३१८ में दो वर्ष का कारावास होता है (७) आक्रमण कर पीड़ा पहुंचा कर या लकड़ी या लट्ठ द्वारा प्राण हरण करने से धारा ३२३ में दस वर्ष का कारावास होता है। (८) निष्कारण अटकाने से-रोक रखने से धारा ३४१ में एक वर्ष का कारावास होता है । (६) किसी की स्वतत्रता नष्ट करने से, गुलाम बना कर रखने से धारा ३७० में छै वर्ष का कारावास होता है । (१०) पशु को बेकारण कष्ट देने से धारा ४२५ में तीन महीने का कारावास होता है । (११) मकान को आग लगाने से धारा ४३५ में सात वर्ष का कारावास होता है। (१२) किसी को डरा कर धमका कर भय पहुंचाने से धारा ५६५ में दो वर्ष का कारावास होता है (१३) व्यभिचार का झूठा आरोप लगाने से धारा ५०६ में कारावास होता है। इस तरह के अपराध व्रत लेने वाले को उदय में नहीं Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003175
Book TitleShravak Dharma Anuvrata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandanmal Nagori
PublisherChandanmal Nagori
Publication Year
Total Pages70
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, C000, C005, M000, & M020
File Size3 MB
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