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[ वृहद् आध्यात्मिक पाठ संग्रह भरतचक्रवर्ती के १६ स्वप्न दर्शन और
उन स्वप्नों के फल
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१. तेईस सिंहों को देखा। १. तेईस तीर्थङ्करों के समय में खोटे मुनि न रहेगें।
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२. एक सिंह के पीछे मृग समूह। २. महावीर स्वामी के पश्चात् मुनि परीषह न सहेंगे, भ्रष्ट होंगे।
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