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भरत चक्रवर्ती के स्वप्न व फल ]
३. घोड़े पर हाथी चढ़ रहा है। ३. साधु तप से डरेंगे और असमर्थ होंगे।
४. हसं को कौवे सता रहे हैं।
४. उच्चकुल वाले शुभाचरण से भ्रष्ट होकर खोटा आचरण करेंगे।
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