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अध्यात्म की वर्णमाला
चेतना पर आवरण कम हो और मूर्छा टूटे, ध्यान का प्रथम उद्देश्य है। इसका गहराई से अनुभव करो। यह अनुभव ही अध्यात्म की उच्च भूमिका की ओर ले जाएगा।
लाडनूं १ जून, १९९२
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