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अध्यात्म की वर्णमाला
जागरण होता है।
. तुम्हारा ध्यान केवल नाभि पर ही केन्द्रित न हो । ध्यान का मुख्य केन्द्र पृष्ठरज्जु में है । नाभि की सोध में जो पृष्ठरज्जु का भाग है, ध्यान वहां तक पहुंचे । आगे से प्रारम्भ करो, पीछे वहां तक पहुंच जाओ, तभी उसकी सफलता दृष्टिगत होगी।
लाडनूं १ अक्टूबर, १९९१
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