________________
अध्यात्म की वर्णमाला
(पोइन्ट्स) पर प्रयोग किया जाता है। उसमें सुई अथवा दबाव (प्रेशर) का प्रयोग किया जाता है। कायोत्सर्ग में संवादी-बिन्दुओं पर ध्यान कर उन्हें सक्रिय बनाया जा सकता है ।
पूरे शरीर का कायोत्सर्ग करना अत्यावश्यक है किन्तु विशेष प्रयोजन हो तो खंड या अवयव-कायोत्सर्ग का भी अभ्यास करो। अपने अनुभव से इस विषय में प्रगति की जा सकती है।
अवयव की चिकित्सा अथवा उसकी कार्यक्षमता बढ़ानी हो तो उसके लिए अवयव-कायोत्सर्ग विशेष उपयोगी बनता है। कायोत्सर्ग को 'सर्वदुःखविमोक्षणं'-सब दुःखों से छुटकारा देने वाला कहा गया है । यह बहुत रहस्यपूर्ण वाक्य है । इसका रहस्य चिंतन, मनन, अनुभव और प्रयोग के द्वारा ही समझा जा सकता है ।
राणावास १ दिसम्बर, ९०
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org