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लाला तिलकचन्द जी
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श्री तिलकचन्द जी जैन तिरपंखिया गोत्रीय बीसा ओसवाल गुजरांवाला
आपका जन्म गुजरांवाला (पंजाब) में ईस्वी सन् १९०० में लाला फग्गुमल जी की सुपनि के गर्भ से हुआ | आपके पिता श्री धातुम्रों के बर्तनों के प्रसिद्ध व्यापारी थे ।
श्री तिलकचन्द जी की शिक्षा गुजरांवाला में स्कॉच मिशन हाई स्कूल में हुई थी । यह संस्था ईसाई मिशनरियों द्वारा चालू की गई थी। वहीं से आपने क्रांतिकारी विचारधारा लेकर जीवन में प्रवेश किया ।
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आपका विवाह गुजरांवाला के प्रसिद्ध व्यापारी लाला जगन्नाथ जी मालिक फ़र्म मेसर्ज जगन्नाथ दीवानचन्द (मेटल रोलिंग मिल्स) की सुपुत्री सौभाग्यवती श्रीमती रामप्यारी साथ हुआ ।
( १ ) क्रांतिकारी विचारधारा ने आपका राजनीति की तरफ़ झुकाव बढ़ता गया । आपने गांधी जी के नमक सत्याग्रह में भाग लिया और जेल गये । फिर राष्ट्रीय आन्दोलन में प्राप पूरी तरह जुट गये । परिणाम स्वरूप आपको अनेक बार कारावास का दंड अंग्रेज़ सरकार ने दिया । लाहौर मुलतान और गुजरात
श्री तिलकचन्द जी जैन
( पंजाब ) के जेलों में आपको कैद रखा गया ।
(२) श्री आत्मानन्द जैन गुरुकुल पंजाब गुजरांवाला के प्रारम्भ से ही आप अवैतनिक मंत्री रहे । गुरुकुल के अवैतनिक अधिष्ठाता श्रीमान बाबू कीर्तिप्रसाद जी B.A.L.L.B. के साथ मिलकर आपने गुरुकुल को उन्नति के शिखर तक पहुँचाने में पूर्ण सहयोग दिया ।
(३) श्री आनन्दजी कल्याणजी की पेढ़ी अहमदाबाद ( जो श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैन संघ की तीर्थो की व्यवस्था और सुरक्षा के लिये पूरे भारत की संस्था है पंजाब संघ के प्रतिनिधि के रूप में सदस्य रहे ।
(४) श्री आत्मानन्दजैन महासभा पंजाब के आप दो बार प्रधान चुने गये और आजन्म सदस्य रहे ।
(५) प्राप अखिल भारतवर्षीय कांग्रेस कमेटी के प्राजीवन सदस्य रहे । गुजरांवाला जिला काँग्रेस कमेटी के सचिव पद को भी आजीवन सुशोभित किया। बाद में पंजाब काँग्रेस कमेटी के भी सदस्य रहे ।
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(६) गुजरांवाला म्युनिसिपल कमेटी में आपने काँग्रेस के मुख्य सचेतक की भूमिका को Aug कई वर्षों तक कुशलता पूर्वक निभाया।
(७) क्रांतिकारी और जेल का एक निश्चित नाता होता है । आपने इस नाते को दृढ़ता पूर्वक निभाया।
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