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मध्य एशिया और पंजाब में जैनधर्म
श्रद्धांजलि देने के लिये महासभा का विशेष अधिवेशन अंबाला शहर में बुलाया गया । इस अधिवेशन में सौ से अधिक प्रतिनिधियों ने दृढ़ निश्चय किया कि गुरुदेव की पवित्र स्मृति को श्रमर बनाने के लिये उनका एक भव्य स्मारक बनाया जावे। जो देश की साहित्यिक, सांस्कृतिक सेवा कर सके । (इस स्मारक का दिल्ली में २६ नवम्बर १६७९ ई० को शिलान्यास हुआ है ) ।
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नवीन प्रकाशन – स्वर्गवासी प्राचार्य श्री विजयवल्लभ सूरि ने श्री विजयानन्द सूरि का प्रमाणिक जीवनचरित्र लिखा था । उसका प्रकाशन किया गया । हमारी समाज के वर्तमान के मूर्धन्य विद्वान श्री हीरालाल जी दूगड़ द्वारा लिखित निग्गंठ नायपुत्त श्रमण भगवान महावीर तथा माँसाहार परिहार व सद्धर्मसंरक्षक पूज्य बूटेराय (बृद्धिविजय) जी और उनके पाँच मुख्य शिष्यों के जीवन चरित्रों को प्रकाशन करने का गौरव भी महासभा को प्राप्त हुआ है ।
महासभा के अन्य वार्षिक अधिवेशन ई० स० १९५५ में मालेरकोटला में, १६५६ में लुधियाना में, तथा इसके बाद चंडीगढ़ आदि नगरों में अनेक अधिवेशन होते रहे हैं ।
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भारतवर्षीय श्वेतांबर जैन कान्फरेन्स का लुधियाना में अधिवेशन - मई १९६० लुधियाना में उपर्युक्त कान्फ्रेन्स का अधिवेशन कराया गया। इसके प्रधान श्रीयुत नरेन्द्रसिंह जी सिंघी कलकत्ता निवासी थे। भारत के मुख्य-मुख्य नगरों के प्रतिनिधि तथा सारे पंजाब के प्रतिनिधि इसमें सम्मिलित हुए थे । साधु-साध्वियां भी इस अधिवेशन में पधारे थे । अधिवेशन बड़ी सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ ।
महासभा ने ई० स० १९६१ ( वि० सं० २०१८ ) में पंजाब-हरियाणा के श्वेतांबर मूर्तिपूजक जैनों ने अधिकृत सब नगरों के हस्तलिखित शास्त्र भण्डारों तथा पाकिस्तान के गुजरांवाला नगर से लाए हुए शास्त्र भण्डार के शास्त्रों का दिल्ली में संग्रहकर श्री वल्लभस्मारक के प्राधीन एक वृहत् शास्त्र भण्डार की स्थापना की। जिसका सूचीकरण श्री हीरालाल जी दूगड़ शास्त्री से कराया । आज यह शास्त्र भण्डार रूपनगर दिल्ली के श्वेतांबर जैनमन्दिर में तालों में बन्द पड़ा है ।
यह महासभा पंजाब के श्वेतांबर जैन मूर्तिपूजकों की एक मात्र प्रतिनिधि सभा है । गुरुव विजयानन्द और विजयवल्लभ के पदचिन्हों पर चलती हुई यह संस्था जिनशासन की सेवा केलिए सदा प्रयत्नशील रही है । इसका प्रतीत गौरव पूर्ण है, वर्तमान उत्साह रूप है और भविष्य उज्ज्वल है ।
वर्तमान में महासभा का कार्यालय लुधियाना पंजाब में है इसके प्रधान लाला धर्मपाल जी सवाल लुधियाना वाले तथा महामन्त्री लाला बलदेवराज दुग्गड़ लुधियाना निवासी है । इसका मासिक पत्र "विजयानन्द" श्राजकल लुधियाना से प्रकाशित हो रहा है और इसके संपादक उत्साही युवक लाला पार्श्वदास जी जैन ( मालिक फर्म वी० के० जैन होजरी वाले) निःशुल्क सेवा कर रहे हैं ।
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