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________________ जैन शिक्षण संस्थाए इस उद्देश्य की पूर्ति हुई। परन्तु अब धार्मिक शिक्षण की कोई भी व्यवस्था नहीं हैं। (३-४) श्री आत्मानन्द जैन कन्या हाई स्कूल तथा कन्या शिल्पविद्यालय । (५) श्री प्रात्मानन्द जैन माडलस्कूल (श्री आत्मानन्द जैन गुरुकुल पंजाब गुजरांवाला के बदले में पाकिस्तान बनने के बाद इसकी स्थापना की गई। (६) पूज्य काशीराम जैनकन्या हाईस्कूल (स्थानकवासी समाज की तरफ़ से)। (७) श्री प्रात्मानन्द जैन लायब्रेरी तथा वाचनालय । जैन श्वेतांबर उपाश्रय हलवाई बाज़ार की बिल्डिंग में। (८) स्थानकवासी कन्या शिल्पविद्यालय । २-मालेरकोटला श्री आत्मानन्द जैन हाईस्कूल--ता० १६ जनवरी १९५४ ई० में प्राचार्य श्री विजयवल्लभ सूरि के उपदेश से चालू हुा । बाद में इसे डिग्री कालेज कर दिया गया। परन्तु एक दो वर्ष चल कर कालेज बन्द हो गया। ३-लुधियाना (१) श्री प्रात्मानन्द जैन हायरसेकेंड्री स्कूल- ई० स० १६२८ में इसकी स्थापना प्राचार्य श्री विजयवल्लभ सूरि जी के उपदेश से की गई। (२) श्री प्रात्मवल्लभ जैन विद्यापीठ (धार्मिक पाठशाला)- इसमें लड़कों को जैनधर्म का शिक्षण और संस्कार दिये जाते हैं। इसमें सब अध्यापक निःशुल्क सेवा करते है। ४-होशियारपुर ई० स० १६५८ में यहां श्री प्रात्मानन्द जैन हाई स्कूल की स्थापना प्राचार्य श्री विजय लभ सूरि के उपदेश से हुई। ५-जडियाला गुरु श्री प्रात्मानन्द जैन मिडलस्कूल की स्थापना श्री विजयवल्लभ सूरि के उपदेश से हुई। ६-फाजिलका श्री जैन प्राइमरी स्कूल । ७-फिरोजपुर छावनी दिगम्बर जैन हायर सेकेन्ड्री स्कूल । ८-श्री आत्मानन्द जैन धामिक पाठशालाएँ (१) रोपड़ (रुपनगर)-श्री प्रात्मवल्लभ जैनधामिक पाठशाला। (२) पट्टी जिला अमृतसर-श्री प्रात्मवल्लभ जैनधामिक पाठशाला (बालकों की) । (३) पट्टी जिला अमृतसर-श्री प्रात्मानन्द जैनधार्मिक कन्या पाठशाला । (४) श्री प्रात्मवल्लभ जैनघामिक पाठशाला-बालिकाओं के लिए। (५) अम्बाला-श्री आत्मानन्द जैनधार्मिक बालक पाठशाला । (६) अम्बाला-श्री प्रात्मानन्द जैनधार्मिक बालिका पाठशाला । E-जैन शिल्पविद्यालय (१) श्री प्रात्मवल्लभ जैन महिला शिल्प विद्यालय सामाना। (२) जनता सिलाईस्कूल नाभा । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003165
Book TitleMadhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1979
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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