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________________ अध्याय ५ जैन मंदिर, संस्थायें और साहित्य १. पंजाब और सिंध में जैनमंदिर और संस्थायें (पाकिस्तान बनने से पहले) १. जिला गुजरांवाला (१ से ४) (१) गुजरांवाला नगर - १. श्री चिन्तामणि पार्श्वनाथ का श्वेताम्बर जैन मंदिर ( बाज़ार भाब ड़याँ में) - २. पुरुषों के लिए उपाश्रय ( बाज़ार भावड़याँ में ) ३. महिलाओंों का उपाश्रय (गली भावड़यां में ) । ४. जंजघर (धर्मशाला ) ( बाज़ार भावड़याँ में) । ५. श्री श्रात्मानन्द जैन महाजनी विद्यालय ( बाज़ार भावड़याँ में । ६. श्री प्रात्मानन्द जैन कन्या धार्मिक पाठशाला (गली भावड़याँ में) ७. श्री बसंताऋषि, और उनके शिष्य परमानन्दऋषि – इन दोनों पूजों की समाधियाँ देवीवाले तालाब के निकटवर्ती । ८. श्री आत्मान्द जैन गुरुकुल पंजाब ( जी०टी० रोड पर नगर की बस्ती से दक्षिण की ओर चार मील की दूरी पर ) । ६. इसी गुरुकुल में घर चैत्यालय । १०. श्री विजयानन्द सूरि ( आत्माराम ) जी का समाधी मंदिर नगर से १ मील दक्षिण दिशा की ओर था। आपका स्वर्गवास इसी नगर में हुआ था । ११. इसी समाधिमंदिर की बिल्डिंग में एक कमरे में घर चैत्यालय | १२. श्राविकाओं का उपाश्रय (गली भावड़याँ में) । (२) पपनाखा (गुजरांवाला से पश्चिम दिशा में छह मील की दूरी पर ) १. श्री सुविधिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर | २. जैन उपाश्रय । Jain Education International १३. एक जैनमंदिर निर्माणाधीन (गली भावड़याँ में) । १४. स्थानक (स्थानकवासियों का ) ३. इसी मंदिर और उपाश्रय की बाऊंड्री में प्रोसवाल बरढ़ गोत्रवालों के बुजुर्ग महाचमत्कारी बाबा गज्जा का चौबारा । ४. पपनाखा से लगभग २ मील पश्चिम दिशा में महाचमत्कारी बाबा गज्जा की टोमड़ी (समाधि स्थान ) । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003165
Book TitleMadhya Asia aur Punjab me Jain Dharm
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Duggad
PublisherJain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi
Publication Year1979
Total Pages658
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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