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म एशिया और पंजाब में जैनधर्म काल में काबुल नदी स्वात से लेकर जेहलम नदी के उत्तर दिशा के किनारे तक थी। यह उत्तरापथ का प्रथम जनपद था । प्राचीन काल में अर्हत् ऋषभदेव के द्वितीय पुत्र बाहुबली के राज्यकाल में इस जनपद की राजधानी तक्षशिला थी । वर्तमान पाकिस्तान के अधीन पंजाब की राजधानी इसलामाबाद (रावलपिंडी के निकट) की उत्तर दिशा में बीस मील की दूरी पर इस नगर के ध्वंसावशेष (खण्डहर) विद्यमान हैं । तक्षशिला को बलिक (बहली) की राजधानी भी कहा है । गांधार में बाहुबली का राज्य होने से इस जनपद का नाम बहली भी था। जैनशास्त्रों में इसकी राजधानी पण्ड्रवर्धन भी बतलाई है जो आजकल पेशावर के नाम से पहचाना जाता है इसकी पहिचान चारसहा से भी की जाती है । इस उपयुक्त विवरण से मालूम होता है कि गांधार की सीमाए सदा बदलती रही है।
कम्बोज और गांधार राष्ट्र यह राज्य अति विस्तार वाला था और भारत के वायव्य कोण में था।
सीमा, राजधानी और भाषा सीमा-१-काश्मीर, २-चित्राल, ३-अफ़ग़ानिस्तान तथा सारा पंजाब इस राष्ट्र में समा जाता था।
___या यों कहो कि सतलुज नदी का सारा प्रवाह इस साम्राज्य की पूर्व और दक्षिण दिशा की हद थी। इसकी राजधानी तक्षक्षिला थी।
राजधानी--इस साम्राज्य के बीचो-बीच महासिन्धु नदी उत्तर से दक्षिण को बहती होने से इसके दो भाग हो गए हैं। इसके पश्चिम भाग को कम्बोज और पूर्वी भाग को गाँधार कहते थे। कम्बोज की राजधानी पुरुषपुर-पुष्कलावती (पेशावर) थी। गांधार की राजधानी तक्षशिला थी।
भाषा-कम्बोज की खोराष्टी भाषा थी और गांधार की ब्राह्मी भाषा थी और बोलचाल की भाषा दोनों भाषाओं से मिश्रित थी। कारण यह था कि दोनों देश समीपवर्ती थे और दोनों का आपस में सगी बहिनों की तरह सम्बन्ध था तथा दोनों देशों की जनता का आना जाना था।
गांधार जनपद-राजधानी तक्षशिला १. तक्षशिला, २. उद्यान, ३, वोलोर, ४. सिंहपुर, ५. उरष ६. काश्मीर, ७. पंछ, ८. राजपरी ६. ढक्क (वाहिक), १०. छिन्नपति ११. जालंधर, १२. कुल्लट, १३. शताद्र , १४. पर्वत, १५. पारियात्र इन सबका गांधार जनपद में समावेश था। या यों कहो कि ये सब प्रदेश गांधार जनपद में सम्मिलित थे।
१. तक्षशिला-शाह की ढेरी गाँव की वायव्य (पश्चिमोत्तर) कोण में पाठ मील की दूरी पर हसन-अब्दल नाम का गांव ।
२. उद्यान-स्वात नदी तटवर्ती पेशावर शहर से उत्तर दिशा में ; इसमें चित्राल देश और हिन्दूकुश पर्वत का दक्षिण का सर्व पार्वतीय देश समा जाता था।
३.वोलोर-इसमें बाल्टी और बतिस्तान (काश्मीर का कुछ भाग) आ जाता था। ४. सिंहपुर-कटास-जेहलम नदी का दक्षिण तटवर्ती भाग । ५. उरष-सिन्धु और जेहलम नदी का मध्यवर्ती भाग ।
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