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________________ - गौतम स्वामी केरो जाप करो > जवान (राग : अब सोंप दिया....) शामा गौतम स्वामी केरो जाप करो, ऋद्धि सिद्धि मंगल माल वरो, थाजस नामे संकट विघ्न टले, त्रिकाल गौतमका ध्यान धरो नमामिला गौतम... वीर चरणकमलकी सेवा में, विनयसे दिन और रात रहे, चउनाणी चौद् पूर्वके धणी, वीरकी आणाको शिर वहे कि क गौतम...१ तप ध्यानमें लीन सदा रहेते, अठ्ठावीस लब्धिको धरते, वीर तत्वोका उपदेश करते, भक्तोंके वांछित पूरते गौतम...२ गौतम नामे मंगल माला, रोग शोक दरिद्रको हरता परिवार मुनिगणका ज्यादा, पचास हजार गणको धरता की गौतम...३ वीर मुक्तिके बाद केवल लक्ष्मी, वीतराग भावोंसे तुम वरते भूमितल को सदा पावन करते, वर्ष बार तक विचरते गौतम...४ वीर स्वामीके गणधर पहेले, वीर शासनको रक्षण करते, परिवार सुधर्माको सोंपके, सर्व कर्म हरी मुक्ति बरते गौतम...५ गात Jain Education Intetional For Private & Personal use only angeliorary.org
SR No.003164
Book TitleLabdhinidhan Gautamswami
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshbodhivijay
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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