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तेरी महिमा है अतिभारी, दरिशण को आते है नरनारी 40
गौतम....२ अतिमुक्तक जैसे भविजनको, मुक्त किया सारे कर्मबंधनसे
गगौतम....३ सूर्य-किरणके आलंबनसे, महातीर्थरुप अष्टापद विलसे
गौतम....४ - जो जपता है नाम तुम्हारा, मनवांछित सब पाये अपारा
गौतम....५ > हे गौतमस्वामी लब्धिंवंता >
(राग : दिल लूटने वाले) है गौतमस्वामी लब्धिवंता, मेरे मनमे सदा तुम नाम रहे, वीर के गणधर, चउनाण धारी, धोर तप तपी महा ब्रह्मचारी पचास हजार शिष्योके गुरु
मेरे मनमे....१ कनकवर्णा, शुद्ध रुपरुपा, सहजानंद आनंदधन रुपा नाम आपका आनंदकारी है।
मेरे मनमे....२ अष्टापदपर अपने बलसे, चोबीश जिनवरको वंदिया, जग चिंतामणि तब तिहा रची।।
मेरे मनमे....३
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