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-> दर्शन प्यासी आंखो मारी <>
(राग : अभी भरेली नजरो....) दर्शन प्यासी आंखो मारी, क्यारे प्यास बुझावशो, दीन दयालु हे गौतम प्रभु, क्यारे दर्शन आपशो, दर्शन... जन्मोजनमनी झंखना मारी, क्यारे पुरी करावशो,
FOET शरणागत वत्सल छो व्हाला, शरणं तारु आपजो,
दर्शन....१ गुरू कहु के प्रभु कहु तने, मारे मन बेउ एक छे, तारी भक्तिमां मस्त बनीने, आ काया कुरबान छे,
दर्शन....२ जीवन नैया सोंपी तमने, सुकानी बनीने संभालजो, भवसागरथी पार उतारी, निजधामे पहोंचाडजो,
दर्शन....३ - साधनमां हुं काइ न समजु, निःसाधन मने जाणजो, कृपासाध्य कहावो भगवन्, क्यारे कृपा वरसावशो
दर्शन....४
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