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गौतमस्वामी वसो मेरे दिलमें >
(राग-कोयल टहुकी रही) गौतमस्वामी वसो मेरे दिलमे, वसो मेरे मनमें, वसो मेरे दिलमे.... बिहार देशे गोबरगामे, जन्म लियो तमे ब्राह्मणकुलमां,
गौतम....१ बालपणाथी तमे अद्भूत ज्ञानी, चौद विद्यामां बन्या पारगामी,
गौतम.....२ संशय लइ तमे गया प्रभु पासे, अभिमान गयु दूर एक पलमें, ......
गौतम.....३ महावीर प्रभुसे त्रिपदी पाइ, द्वादशांगी रची तमे अंतर्मुहूर्तमेस, ....
UPPा गौतम.....। वैभार गिरिओ मोक्ष सिधाव्या, लब्धिओ रही गई तीन भूवनमें, ...
गौतम..... मुंबई शहरमां अंधेरी संघमां, गौतम लब्धि पद सामुहिक कराय,
गौतम....६
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