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________________ . श्री गौतम स्वामी के चैत्यवंदन . ॐकार बीजाक्षर आद्यधारी, ही कार युक्तो वरमंत्र भारी, अरिहंत मुख्य पद पाठकाय, नमो नमस्ते गणि गौतमाय ॥१॥ चौद सहस्त्र अणगार केरा, ने वीरना सहु गणिमां वडेरा, अनंत लब्धिधर धारकाय, नमो नमस्ते गणि गौतमाय ॥२॥ जे चित्त चिंते तुज पाद सेवा, चारित्र धारी वरता अखेवा, कैवल्य लब्धि वरदायकाय, नमो नमस्ते गणि गौतमाय ॥३॥ तुं कामधेनु वरक्षीर धारी, चिंतामणी चिंतित योगकारी, वांछित कृत्काम कल्प द्रुमाय, नमो नमस्ते गणि गौतमाय ॥४॥ मुज आत्मरक्षा तुज प्रेमयोगे, भुवनैकभानु स्तवं संप्रयोगे, सौ कर्म मर्महर संगीताय, नमो नमस्ते गणि गौतमाय ॥५॥ * गौतम स्वामी चैत्यवंदन * प्रेम प्रणति नति करी पभणु गौतम स्वाम, जपीये गौतम नामने, जन गण मन अभिराम ॥१॥ वीर भंदत विश्वेश्वरा, गौतम प्रमुख गणेश, सहस आठ जप पुष्पथी, पुजन करू सुविशेष ॥२॥ अड़यालीश नामोच्चरी, पूजा लब्धि अखिल, dates Personalise only hdjainelibrary.org
SR No.003164
Book TitleLabdhinidhan Gautamswami
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHarshbodhivijay
PublisherAndheri Jain Sangh
Publication Year
Total Pages140
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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