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________________ 54 5. संकल्प 'मैं अपने कर्त्तव्य के प्रति जागरूक रहूंगा । कर्त्तव्य के बाधक तत्त्वोंक्रोध, लोभ, भय आदि को अनुशासित रखने का अभ्यास करूंगा।' जीवन विज्ञान - जैन विद्या अभ्यास-पद्धति - शान्ति- केन्द्र पर चित्त को केन्द्रित करें। फिर इस संकल्प की 15 मिनट तक पुनरावृत्ति की जाए, 5 मिनट उच्चारणपूर्वक, पांच मिनट मंद उच्चारणपूर्वक और पांच मिनट मानसिक अनुचिंतन के रूप में 1 6. महाप्राण ध्वनि के साथ ध्यान संपन्न करें। 2 मिनट स्वाध्याय और मनन (अनुप्रेक्षा - अभ्यास के बाद स्वाध्याय और मनन आवश्यक है ।) कर्त्तव्यनिष्ठा सदाचार की प्रेरक शक्ति है। अपने कर्त्तव्य के प्रति जागरूक व्यक्ति अकरणीय कर्म से विरत रहता है। जब कभी उनके चरण प्रमाद की ओर बढ़ते हैं । कर्त्तव्य की प्रेरणा उसे मोक्ष देती है और वह सत्संकल्प कर लेता है । मानवीय एकता के सन्दर्भ में हम कर्त्तव्य निष्ठा का मूल्याँकन करें । उसकी प्रेरणा में समानता है। जाति, रंग, भाषा और राष्ट्रीयता की भिन्नता में भी मानवीय अभिन्नता है । उसे गौण करने का मुख्य हेतु है - व्यक्तिगत आकांक्षा और अहम् | अपनी समृद्धि और बड़प्पन में जो रस है, वह एक सीमा तक न्याय - संगत हो सकता है। किन्तु जब वह दूसरों को संकट में डालने लगता है तब सर्वमान्य न्यायसंगत धरातल के नीचे उतर जाता है । अध्यात्म और व्यवहार अध्यात्म के स्तर पर जीने वाले व्यक्ति का व्यवहार और व्यवहार के स्तर पर जीने वाले व्यक्ति का व्यवहार भिन्न होता है । व्यवहार से मुक्त कोई भी नहीं हो सकता । जो शरीरधारी है। वह व्यवहार करता है। व्यवहार के बिना वह जी नहीं सकता, उसका जीवन चल नहीं सकता। किन्तु दोनों का व्यवहार बहुत भिन्न होता है । आचारांग सूत्र का कथन है कि आध्यात्मिक व्यक्ति को अन्यथा व्यवहार करना चाहिए । व्यवहार की भूमिका पर जीने वाले को नहीं करना चाहिए, किन्तु उसे भिन्न प्रकार से व्यवहार करना चाहिए, अन्यथा व्यवहार करना चाहिए। हम 'अन्यथा' शब्द को समझें, इसके तात्पर्य को समझें । व्यवहारिक व्यक्ति का व्यवहार क्रियात्मक नहीं होता, वह प्रतिक्रियात्मक होता है। वह Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003162
Book TitleJivan Vigyana aur Jain Vidya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1999
Total Pages94
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size4 MB
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