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________________ १३६ जीवन विज्ञान: स्वस्थ समाज रचना का संकल्प नियन्त्रण करना सीख लिया, वह अपने प्रति अहिंसक बन गया। जो अपने प्रति अहिंसक बन गया, वह दूसरों के लिए भी अहिंसक बन गया। हम केवल दूसरों के प्रति उसे अहिंसक बनाएंगे, तो वह बन नहीं पाएगा। क्योंकि भीतर में आग लग रही है, भट्टी जल रही है और बाहर शांति की बात करें, यह कैसे संभव है ? पहले अपने भीतर की आग को शांत करना है, उस भट्टी को बुझाना है। वह बुझेगी तो अपने आप शान्ति हो जाएगी। फिर शान्ति के लिए अलग से प्रयत्न नहीं करना पड़ेगा । इसलिए स्व-नियन्त्रण बहुत महत्त्वपूर्ण है । अहिंसा की आस्था उत्पन्न करने में बाधाएं भी बहुत हैं। जब तक उन बाधाओं पर विचार नहीं करेंगे तब तक केवल आस्था उत्पन्न करने की बात ज्यादा सार्थक नहीं बनेगी। सबसे पहली बाधा है - हमारी धारणा । हम मान बैठे हैं कि समाज की प्रतिकूल परिस्थिति में, प्रतिकूल वातावरण में, आर्थिक वैषम्य वाले वातावरण में, अहिंसा की बात कैसे सोची जा सकती है? कब तक सोची जा सकती है? और इसीलिए कुछ राजनैतिक प्रणालियों में हिंसा का समर्थन किया गया है । सामाजिक व्यवस्था, समतापूर्ण सामाजिक व्यवस्था, आर्थिक समानतावाली सामाजिक व्यवस्था को लाने के लिए हिंसा का सहारा भी लिया जा सकता है - इस विचारधारा ने काफी लोगों को आकृष्ट भी किया है। पर समय के साथ यह बात बहुत स्पष्ट होती गई कि स्व-नियन्त्रण का विकास हुए बिना, हिंसा के द्वारा नियन्त्रित सामाजिक प्रणाली भी बहुत अच्छी नहीं हो सकती। उसका यह रूप सामने आया कि इतने नियन्त्रण में भी आदमी जैसा चाहिए वैसा नहीं बना। इतने नियन्त्रण के बाद भी आदमी का हृदय नहीं बदला, मस्तिष्क नहीं बदला । इतने प्रयोग हुए, पर आदमी बदला हो, ऐसा नहीं लग रहा है। इसका कारण यही है कि बदलने की बात है भीतर और नियन्त्रण की बात है बाहर। बाहर से आप भले ही आदमी को बांधकर रख दें, किंतु भीतर में उसका प्रभाव नहीं हुआ तो जैसे ही बंधन खुले, वह वैसा करने को तैयार हो जाएगा। यहां कोई बदलाव की स्थिति नहीं है । यह तो एक निरोध की स्थिति है। किसी को कारावास में डाल दिया, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003160
Book TitleJivan Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2008
Total Pages170
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Education
File Size7 MB
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