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१३४ / नए मंदिर : नए पुजारी
मिले । इस रहस्यमय संवाद से सारा गांव आतंकित हो गया। सारे लोग अलग-अलग कल्पनाएं करने लगे। कोई किमी साधु-सन्यासी की बात करना तो कोई किसी उठाईगीर की। कुछ लोग जंगली जानवरों की भी कल्पना करने लगे। सेठजी और सेठानी की हालत तो बदतर हो गई थी बल्कि सेठानी तो लगातार कई घंटों तक बेसुध पड़ी रही।
अन्त में एक ज्योतिषी को पूछा गयो । उसने बताया कि बच्चे तो घर में ही हैं। फिर से घर की छानबीन शुरू हुई । एक-एक कोना छाना गया। इसी सिलसिले में जब उस बक्से को खोला गया तो मरे हुए बच्चे प्राप्त हए। सारा परिवार शोक-संतप्त हो गया। एक रहस्य खुलने के बाद दूसरा रहस्य शुरू हो गया। कोई इसे खून हत्या का केस बता रहा था, तो कोई दैवी चमत्कार, कोई इसे सेठजी के पापों का परिणाम बता रहा था, तो कोई किसी गरीब की आह।
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