________________
गरीबी हटाओ | १०५
खरीदे नहीं।'
सरकारी अफसर ने कहा-'खरीदे नहीं तो यह अगूठा किसका है ! और ये दो किस्तें किसने चुकाई हैं ! ___ अंत में किशन ने सेठजी का सारा भंडाफोड़ करते हुए कहा-'बैल तो सेठजी के बाड़े में बंधे हैं।
सरकारी अधिकारियों को दाल में कुछ काला लगा तो वे सेठजी के पुत्रों के पास गए । सेठजी के पुत्रों ने बात को आगे न बढ़ाने की दृष्टि से उनकी जेब गरम कर दी । उनका राजनीति को दृष्टि से इस क्षेत्र में प्रभाव भी था । स्थानीय एम.एल.ए. से तो उनकी रिश्तेदारी भी थी । अतः सरकारी अधिकारी उन से दब गए। गांव के अन्य लोग भी कुछ नहीं कर सके, क्योंकि पिछले चुनाव में गांव में भंयकर फूट पड़ गई थी, अत: किशन का पक्ष लेकर अपने को जलील बनाने के लिए कोई तैयार नहीं हुआ । अंत में अधिकारियों ने अपने रुपये वसूल करने लिए किशन के घर को निलाम कर दिया। उसका सामान बाहर निकाल दिया गया। वह अपनी गीली आखों से अपने घर के सामने खड़ा दीवार पर लगे 'गरीबी हटाओ के पोस्टर को देख रहा था।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org