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जम्बूद्वीपप्रज्ञप्तिसूत्रे
अधिष्ठातृविशेषस्तस्य कूटम् निवासभूतं गिरिशृङ्गम् २, हैमवत कूटं - हैमवतोऽपि अधिष्ठातातस्य कूटम् ३, रोहिता कूटं - रोहितामहानदी देवीकूटम् ४, हीकूट - ही:- देवीविशेषः, तस्या कूटम्५, हरिकान्ताक्रूटं - हरिकान्तानदी - देवीकूटम् ६. हरिवर्षकूटं - इरिवर्ष :- हरिवर्षपतिस्तस्य कूटम् ७, वैडूर्यकूटं - वै तदाख्यरत्नविशेषस्तस्य कूट - वैरत्नमयकूटम्, यद्वा- - वैडूर्यः अधिष्ठातृविशेषस्तस्य कूटम्८, इत्यष्टकूटानामर्थः । ' एवं चुल्लहिमवंतकूडाणं जाचेव वत्तत्व्वया महाहिमवंते णं भंते । वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता '
टीकार्थ- इस सूत्र द्वारा गौतमने प्रभु से ऐसा पूछा है - (महाहिमवंते णं भंते ! वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता) हे भदन्त ! महाहिमवान् पर्वत पर कितने कूट कहे गये हैं - उत्तर में प्रभु कहते हैं - ( गोयमा ! अडकूडा पण्णत्ता) हे गौतम ! महाहिमवान् पर्वत पर आठ कूट कहें गये हैं । (तं जहा उनके नाम इस प्रकार से हैं (सिद्धाययणकूडे), महाहिमवंतकूडे, हेमवयकूडे, रोहियकूडे, हिरिकूडे हरिकंतकडे, हरिवासकूडे, वेरुलियकूडे ) सिद्धायतनकूट महाहिमवत्कूट, हैमवत्कूट, रोहितकूट, हीकूट, हरिकान्तकूट, हरिवर्षकूट, एवं बैडूर्यकूट ।
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सिद्धों का आयतन - गृह रूप जो कूट है वह सिद्धायतन कूट है महाहिमवान् नाम के अधिष्ठायक देव का जो कूट है वह महाहिमवत्कूट है । रोहितामहानदी देवी का जो कूट है वह रोहितकूट है । ही देवी विशेष का जो कूट है यह ह्रीकूट है । हरिकान्त नदी देवी का जो कूट है वह हरिकान्तकूट है । हरिवर्षपतिके कूट का नाम हरिवर्षकूट है । वैडूर्यरत्नमय अथवा वैडूर्यनामक अधिष्ठायक देवविशेष का जो कूट है वह वैडूर्यकूट है ।
'महाहिमवंते णं भंते! वासहरपव्वए कइ कूडा - पण्णत्ता, इत्यादि' टीडार्थ-या सूत्र वडे गोतमे प्रभुने सेवा प्रश्न अर्थी छे- 'महाहिमवंते णं भंते ! वासहरपव्वए कइ कूडा पण्णत्ता' हे महत ! भहाडि भवान् पर्वत उपर डेंटला ईटो आवेसा छे. उत्तरभां अलु डे छे - 'गोयमा ! अट्ठ कूडा पण्णत्ता' हे गौतम! भहाडिभवान् पर्वत उधर माह छूट। छे. 'तं जहा' तेभना नाम या प्रमाणे छे- 'सिद्धाययणकूडे, महाहिमधत कूडे, हेमवय कूडे, रोहिय कूडे, हिरिकूडे, हरिकंतकूडे, हरिवासकडे, वेरुटियकूडे' सिद्धायतन छूट, भहाडिभवत् टूट, डैभवत्हूट, रोहित छूट, ही छूट, हरिभन्त छूट, हरि વર્ષી ફૂટ તેમજ વસૂ` ફૂટ. (૧)
(૧) સિદ્ધોનુ આયતન-ગૃહ રૂપ જે ફૂટ છે, તે સિદ્ધાયતન ફૂટ છે. મહાદ્ગિમવાન્ નામક અધિષ્ઠાયક દેવ સંબંધી જે ફૂટ છે તે મહાહિમવત્ ફૂટ છે. રાહિતા મહાનદીને જે ફૂટ છે તે રાહિત ફૂટ છે. હી દેવી વિશેષના જે ફૂટ છે—તે હી કૂટ છે હરિકાન્તા ની દેવીના જે ફૂટ છે તે હરિકાન્ત ફૂટ છે. હરિવ`પતિના ફૂટનું નામ વિ ફૂટ છે વ રત્નમય અથવા વૈસૂર્યનામક અધિષ્ઠાયક દેવ વિશેષના જે ફૂટ છે તે વૈ ફૂટ છે,
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