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प्रकाशिका टीका तृ० वक्षस्कार: सू० ५ अष्टाव्हिका समाप्त्यनन्तरीयकार्य निरूपणम् ५६९
महाणईए दाहिणिल्लेणं कूलेणं गामागरणगरखेड कब्बडमंडब दोणमुहपट्टणासम संवाह सहस्समंडियं थिमियमेइणीयं वसुहं अभिजिणमाणे २ अग्गाई वराई स्यणाई पडिच्छमाणे २ तं दिव्वं चक्करयणं अणुगच्छमाणे २ जोयणंतरियाहि वसहोहिं वसमाणे २ जेणेव मागहतित्थे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता मागहतित्थस्स अदूरसामंते दुवालसजोयणायामं णव जोयणविच्छिण्णं वरणगरसरिच्छं विजयधावारनिवेस करेइ करिता वढइरयणं सदावेइ सदावित्ता एवं वयासी खप्पामेव भो देवाप्पिया ! ममं आवासं पोसहसालं च करेइ करिता ममेयमाणत्तियं पच्चष्पिणाहि तए णं से बढइश्यणे भरहेणं रण्णा एवं
समाणे तु चित्तमानंदिए पीइमणे जाव अंजलि कट्टु एवं सामी तहत्ति आणा विणणं वयणं पडिसुणेइ पडिणित्ता भरहस्स रण्णोआवसहं पोसहं सालं च करेइ करिता एयमाणत्तियं खिप्पामेव पच्चप्पिति, तणं से भरहे राया आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पच्चोoes पच्चोरुहित्ता जेणेव पोसहसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता पोसहसालं अणुपविसइ अणुपविसित्ता पोसहसालं पमज्जइ पमज्जित्ता दम्भसंथारगं संथ संथरित्ता दव्भसंथारंगं दुरूहइ दुरुहितो मागहतित्थकुमारस्स देवस्स अट्ठमभत्तं पगिण्हइ पगिन्हित्ता पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी उम्मुक्कमणिसुवण्णे ववयगमालावण्णगविलेवणे णिक्खित्तसत्थमुसले दग्भसंथारोवगए एगे अबीए अट्ठमभत्तं पडिजागरमाणे २ विहरs । तरणं से भरहे गया अट्टभसंसि परिणममाणंसि पासह सालाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवद्वाणसाला देणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता कोडबियपुरिसे सक्षवे सद्दावित्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुपिया हयगयरह पवरजोहकलियं चाउरंगिण सेणं सण्णा हेह चाउग्घंटं आसरहं पंडिकपेह तिटुक मज्जणघरं अणपविसइ अणुपविसित्ता समुत्त तहेब जाव
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