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नगर में के अवशिष्ट लेख गोपाल-प्रादिनाथ-श्रावकाम्यां प्रतिष्ठापूर्वकं स्थापित ॥ भद्रं भूयात् ।।
४३७ ( ३५७ ) नवदेवता मूर्ति के पृष्ठ भाग पर
(प्रन्थ और तामिल )
श्री शालीवाहन शकाब्दाः १७८० प्रभवादि गताब्दाः ५१ ल शेल्लानिन्न कालयुक्ति नाम संवत्लर आषाढ़ शुद्ध पूर्णिमा-तिथियिल श्रीमद् बेल्गुल मठत्तिल श्रीमन् नित्य पूजा निमित्तं श्रीमत्पञ्चपरमेष्ठि प्रतिबिम्बमानदु तजनगरं पेरुमाल श्रावकराल सेवित्त उभयं ।। बर्द्धतां नित्य मङ्गलं ॥
[बेल्गुल के मठ में नित्य पूजन के लिए तज नगर के पेरुमाल श्रावक ने यह पञ्चपरमेष्ठी की मूर्ति उक्त तिथि को अर्पित की।
४३८ ( ३५८)
गणधर मूर्ति के पृष्ठ भाग पर
(प्रन्थ और तामिल ) वृषभसेन गणधर भरतेश्वर चक्रवर्त्ति गौतमगणधरन् श्रेणिक महामण्डलेश्वरन (कन्नड में ) कलसदल्लिरुव पदुमैय्यन धर्म ।
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