________________
३२४
चन्द्रगिरि पर्वत के अविशिष्ट लेख
राज्य.. . नेमदे मन्त्रि नरसिङ्ग ... तङ्गलियं विशेषदि ।
......
एरेगङ्ग-महामात्यं
... रेदं नत- गङ्ग-महिगे सफल-मतेयिं
गुलिपालनातनलियं
नेरे नेगल्दं नागवनवनीतलाल || १ ||
प्रातन पुत्रनब्धि-वृत धातृयोलितने रामदेव...न् ईतने वत्सराज निलेगीतने तां भगदत्तनागिविख्यातयसं तगुल्द कु... मं तारेदुन्नरे नान्तुमेतु
( शेष भाग टूट गया है )
[ गङ्गराज्य के मन्त्री नरसिंह के जामाता । ऐरेगङ्ग के प्रधान मन्त्री | जामाता नागवर्म के पुत्र ने जो रामदेव, वत्सराज व भगदत्त के समान जगत्प्रसिद्ध थे - वैराग्य धारण कर......]
उसी द्वार की बायीं बाजू पर
२३६ ( १५१ )....प्पिडिदुलुमारदो...... ... र्द्धदि... दृगचोल आकं जेगदिविमा... माडिसिह... उसी मन्दिर के सन्मुख चट्टान पर
२३७ ( १५२ ) चगभक्षणचक्रवर्त्ति गोग्गिय साव
नत्य......
.र
२३८ (१५३ ) ( नागरी अक्षरों में ) चन्द्रकीर्त्ति । २३८ ( १५४ ) श्रीमतु राचमल्ल देवर जङ्गिन सेनबोव सुबकरय्य बन्दिसिद
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org