________________
चन्द्रगिरि पर्वत के अवशिष्ट लेख
पार्श्वनाथ बस्ति में एक टूटे पाषाण पर
१८६ (६८) श्रीमत् बेट्टदवो...न मंगल वैजब्बे... लबप्पुलवू नान्तु सन्यसनं ।
ती
१८७ (७१)
चन्द्रगुप्त बस्ति में पार्श्वनाथ स्वामी के सन्मुख एक छोटी मूर्ति के पादपीठ पर
( लगभग शक सं० ११०० )
( प्रभाग )
श्रीमद्राजतिरीटको टिघटित... पादपद्मद्वयो देवो जैन... रविन्द दिन कृद्वागदेवता वल्लभ | ...ar...a-a¤faar ufagfa...... त्र - रत्नाकरः सेाऽय ं निज्जि'त...ता विजयतां श्रोभानुकीर्त्तिर्भूवि ॥ १ ॥
श्री - बालचन्द्र मुनिपादपयाज... जैनागमाम्बुनिधिवर्द्धन- पू.. दुग्धाम्बुराशि- हर हा
द्रः
Jain Education International
३११
( पृष्ठभाग )
. मलश्रितं (बहु) कैवल्य मेम्बस.. ......ल्पमिनिते नर्गिरिय विश्वम... रिव महिमेयि वर्द्धमा जिन पतिगे वर्द्धमान मुनीं ...सुर नदिय तार हार सुर-दन्तिय रजतगिरिय चन्द्रन
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org