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श्रवण बेलोल नगर में के शिलालेख २६३
१५२ (३६२) तावरेकेरे के उत्तर की ओर चट्टान पर श्रीशकवरूष १५६५ नेय श्रीमच्चारुसुकीर्ति-पण्डित यांतः सोभानुसंवत्सरे मासे पुष्यचतुर्दशी-तिथिररे कृष्णे सुपक्षे महान् । मध्याह्ने वर मूलभे च करणे भार्गव्यवारे धृवे योगे स्वर्ग-पुरजमाम मतिमान् विद्य-चक्रेश्वरः । श्रोः ।।
१४३ (३७७) नगर से पूर्व की ओर बाणावर बसवय्य के खेत में
एक शिला पर
(लगभग शक सं १०४२) स्वस्ति श्रीमत्तलकाडु-गोण्ड-भुज-बल-वीरगड - पोरसलदेवरु हिरिय-दण्डनायकलं राज्य उत्तरोत्तरवागे श्री-गोम्मटेश्वरदेवरबलद-दसेय हल्ला कण्डु चयदि चलदराव हेडे-जीय गवरेसेट्टिय मगं बेटि-सेट्टिय रावबेय मगंमचि-सेट्टि......जक्कि सेट्टि-मक्कल मडिसेहि मचिसेट्टि मदलाद यित्ररु तले-होरे उड कित..................वत्सरद चैत्र..................
[ इस लेख में भुजरल वीरगङ्गपोयस लदेव के राज्य में चलदङ्कराव हेडेजीव श्रादि के कुछ व्रत पाटने का उल्लेख है। लेख का अन्तिम भाग घिस गया है इससे पूरा भाव स्पष्ट नहीं हो सका । ]
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