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श्रवण बेलगोल नगर में के शिलालेख २४३ सुर-शिष्योत्तम-बालचन्द्र-मुनि-पादाम्भोजिनीभक्ते सु
स्थिरेयप्पाचलदेबि कोर्ति-विशदाशा-चक्रेसद्भक्तियि।४४। तद्गुरुकुल श्रीमूलसङ्घ देशियगण पुस्तकगच्छ काण्डकुन्दान्वयदोल ॥ कं ॥ विदित-गुणचन्द्र-सिद्धा
न्त-देव-सुतनात्म-बेदि परमत-भूभृद्भिदुर नयकोति-सिद्धा
न्त-देवनेसेद मुनीन्द्रनपगत-तन्द्र ॥ ४५ ॥ वर-सैद्धान्त-पयोधि-वर्द्धन-शरत्ताराधिपं तार-हा
र-रुचि-भ्राजित-कीत्ति धौत-निखिलोज़-मण्डलं दुर्द्धरस्मर-बाणाव लि-मेघ-जाल-पवनं भव्याम्बुज-त्रात-भा
सुरनी-श्रीनयकीत्ति देव-मुनिपं विख्यातियं ताल्दिदौ ४६ तच्छिष्यर ॥ वर-सैद्धान्तिक-भानुकीति -मुनिपी-मत्प्रभाचन्द्र दे..
वरशेषस्तुत-माघनन्दि-मुनि-राजर्पद्मनन्दि-व्रती. श्वररुवी-नुत-नेमिचन्द्र-मुनि-नाथातरादनिरन्तरवीश्रीनयकीति-देव-मुनि-पादाम्भोरुहाराधकर ॥
॥४७॥ स्मर-मातङ्ग-मृगेन्द्रनुद्ध-नयकीति-ख्यात-योगीन्द्र-भा
सुर-पादाम्बुरुहानमन्मधुकर चञ्चत्तपो-लक्ष्मिगीश्वरनादों नरपाल-मौलि-मणि-रुण्मालार्चिताध्रि-द्वयं
स्थिरनाध्यात्मिक-बालचन्द्र-मुनिपं चारित्र-चक्रेश्वरा४८।
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