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श्रवणबेलगोल के स्मारक
हस्त अंगुल नाभि से मस्तक तक
१६४-० चिबुक से मस्तक तक कर्ण की लम्बाई
२ -० एक कर्ण से दूसरे कर्ण तक ८-० गले की गुलाई
१०१-० गले की लम्बाई एक कन्धे से दूसरे कन्धे तक १६-० स्तन-मुख की गोल रेखा कटि की गुलाई कन्धे से मध्यमा अंगुली तक १८-० कलाई की गुलाई अंगुष्ठ की लम्बाई
२१-० चरण का अंगुष्ठ (?)२३-० चरण की लम्बाई
ये माप उपयुक्त मापों से मिलते हैं। केवल चरण के अंगुष्ठ की लम्बाई में त्रुटि ज्ञात होती है।
गोम्मट स्वामी कौन थे और उनकी मूर्ति यहाँ किसके द्वारा, किस प्रकार, प्रतिष्ठित की गई इसका कुछ विवरण लेख नं०८५ (२३४) में पाया जाता है। यह लेख एक छोटा सा कनाड़ी काव्य है जो सन् ११८० ईस्वी के लगभग बोप्पण कविद्वारा रचा गया है। इसके अनुसार गोम्मट पुरुदेव अपर
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