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विन्ध्यगिरि पर्वत पर के
शिलालेख
७५ (१७६-१८०) गोम्मटेखर की विशालमूर्ति के वामचरण के पास
नागरी अक्षरों में श्री चावुण्डे-राजें करवियलें।
( लगभग शक सं० ६५०) श्रीगङ्गराजे सुत्ताले करवियले ।
( लगभग शक सं० १०३६) [चामुण्डराज ने ( मूति') प्रतिष्ठित कराई । गङ्गराज ने परकोटा निर्माण कराया।
७६ ( १७५,१७६,१७७ )
दक्षिणचरण के पास ( पूर्वद हले कन्नड़ अक्षरों में ) श्राचामुण्डराज माडिसिदं । (ग्रन्थ और वट्टेलुत्तु,, ,,) श्रीचामुण्डराजन् सेयन्वित्तान् । ( कन्नड अक्षरों में ) श्रोगङ्गराज सुत्तालयवं माडिसिदं ।
[ तात्पर्य पूर्वोक्त और समय भी पूर्वानुसार] .
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