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चन्द्रगिरि पर्वत पर के शिलालेख
गुरुगलुदात्तवित्तनवदात्तयशं नृपकामवोय्सलं पारेद महीनेन्दोडेले बण्पिरार्ने गल्देचिगान ||५||
कं [द] || मनुचरितनेचिगाङ्कन
मनेयोल मुनिजनसमूह; बुधजनमुं । जिनपूजने जिनवन्दने
जिनमहि मे गलाकालमुं शोभिसुगुं ॥ ६ ॥ ग्रामहानुभावनर्द्धाङ्गियेन्त पलेन्दोडे ।
उत्तम गुण- ततिवनिता
वृत्तियनालकोण्डुदेन्दु जगमेल्लं क
य्येत्तुविनममलगुणस—
म्पत्तिगे जगदालगे पोचिकन्ये नान्तलु ॥७॥
तनुवं जिनपतिनुतिथिं ।
धनमं मुनिजनदतृप्तियिं सफलमिदिनगेम्बी नम्बुगेयो
मनमं जगदालगे पोचिकब्वेयेनिरिपलु ||८|| जन विनुतनेचिगाङ्कन -
मनस्सरो हँसि गङ्गराजचमूना -
थन जननि जननि भुवन -
केने नेगल्दल पोचिकब्वे गुणदुन्नतिथिं || ६ || एनिसिद पोचाम्बिके परि
जनमु बुधजनम मोगा मनन्त
ने तदु पर से पुण्यम
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