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आहार और स्वास्थ्य
जीवन और आहार पयायवाची शब्द है | आहार है तो जीवन है आर जीवन है तो आहार है । आहार नहीं है तो जीवन भी नहीं है । स्वास्थ्य
और आहार पर्यायवाची हैं । आहार का विवेक नहीं है तो स्वास्थ्य भी नहीं है । जहां स्वास्थ्य है वहां निश्चित ही आहार का विवेक है ।
आहार और अनशन
स्वस्थ जीवन के लिए तीन बातें आश्वयक हैं—आहार, उत्सर्जन और अनशन | आहार और अनशन को अलग नहीं किया जा सकता । स्वस्थ रहने के लिए जितना ध्यान आहार पर देना होता है, उतना ही ध्यान अनशन पर देना होता है । यदि केवल आहार पर ध्यान दिया और अनशन पर ध्यान नहीं दिया तो स्वास्थ्य दुर्लभ हो जाएगा । वर्तमान में संतुलित भाजन की तालिकाएं प्रकाशित होती हैं। उनके आधार पर संतुलित भोजन का प्रयत्न होता है । यह स्मृति में रखना चाहिए कि प्रत्येक खाद्य वस्तु में अमृत के साथ विष भी होता है । कोई भी वस्तु ऐसी नहीं है जिसे हम केवल विष अथवा अमृत कह सकें । जो जहर है, उसमें अमृत भी है और जो अमृत है, उसमें जहर भी है ।
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