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________________ कायोत्सर्ग और स्वास्थ्य १११ समस्या रहती है | कायोत्सर्ग नींद की सर्वोत्तम गोली है । जिन व्यक्तियों ने ठीक से कायोत्सर्ग साधा है, अनिद्रा की बीमारी उन्हें कभी नहीं सताएगी । थकान भी एक बड़ी समस्या है | बहुत सारी बीमारियां थकान के कारण पैदा होती हैं । बहुत मानसिक श्रम किया, मस्तिष्क थक गया । बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम किया, शरीर थक गया । हृदय से ज्यादा काम लिया, हृदय थक गया । किडनी से ज्यादा काम लिया, किडनी थक गई । लीवर से ज्यादा काम लिया तो वह थक गया । शारीरिक अथवा आंगिक थकान जो होती है, वह थकान बीमारी को पैदा करती है । कायोत्सर्ग थकान को मिटाने का बहुत अच्छा उपाय है । यदि आपको थकान है तो पांच मिनट कायोत्सर्ग में चले जाएं, थकान एकदम मिट जाएगी । खिंचाव और शिथिलीकरण योगासन की पद्धति में विधान किया गया- आसन करो । आसन का काम है खिंचाव पैदा करना, तनाव पैदा करना । मांसपेशियों को तनाव देना भी बहुत जरूरी है । मांसेशियों को तनाव दो और तनाव के बाद उन्हें ढीला छोड़ दो | यह स्वास्थ्य का बहुत महत्वपूर्ण सूत्र है-खिंचाव दो और शिथिलीकरण करो । यह विधान रहा- सर्वांग-आसन करो, उसके बाद विपरीत आसनमत्स्यासन करो । उसके अंतराल में एक मिनट का कायोत्सर्ग करो । भुजंगासन या कोई दूसरा आसन करो तो बीच में एक मिनट का कायोत्सर्ग करो । हर आसन के बाद एक मिनट का कायोत्सर्ग । तनाव ही तनाव देते रहे तो आसन भी खराबी पैदा करेंगे। हमारा हृदय भी निरन्तर नहीं चलता है । हृदय बहुत अच्छा कायोत्सर्ग करता है । एक क्षण वह चलता है और एक क्षण बाद कायोत्सर्ग में चला जाता है । ऐसा करता है तभी वह चौबीस घंटे धड़क पाता है। अगर कायोत्सर्ग न करे तो वह इतना काम नहीं कर सकता । स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण सूत्र है— खिंचाव और शिथिलीकरण | कायोत्सर्ग विश्राम देनेवाला है । यह शरीर और मन दोनों को विश्राम देता है | हमारी शारीरिक और मानसिक प्रणाली को स्वस्थ रखने का महत्वपूर्ण सूत्र हैकायोत्सर्ग। मन पर भी कितना भार होता है। कोई गधा, बैल अथवा ऊँट जितना भार नहीं ढोता, कोई ट्रक जितना भार नहीं ढोता, उससे ज्यादा भार Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003146
Book TitleMahavira ka Swasthyashastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahapragna Acharya
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1999
Total Pages186
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Religion
File Size7 MB
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