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१०२ महावीर का स्वास्थ्य-शास्त्र नहीं पड़ता । किन्तु ध्यान दें तो पाचन भी अच्छा होने लग जाएगा । नाभि को देखो, पाचन की क्रिया सुधरने लग जाएगी । हमारी अन्तःस्रावी ग्रन्थियों को देखो, वे अपना काम फिर सम्यक् करने लग जाएंगी । हमें प्रभावित करने वाली तीन प्रमुख ग्रंथियां हैं- एड्रीनल, पिट्युटरी और थायराइड | हमारी ये तीन ग्रंथियां शक्ति-स्रोत हैं । ये हमें सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं । इन ग्रन्थियों को देखो, इनकी क्रिया बिल्कुल ठीक हो जाएगी।
देखने की शक्ति बहुत बड़ी शक्ति है । यदि देखने की शक्ति पर ध्यान दिया जाता तो हमारा तीन स्तर पर जीवन का जो प्रवाह चलता है, वह संतुलित बन जाता । तीन स्तर हैं- एक शारीरिक (फिजिकल) स्तर, दूसरा चैतसिक (साईकिक) स्तर और तीसरा आध्यात्मिक (स्प्रिच्युअल) स्तर । इन स्तरों पर हमारा जीवन का जो प्रवाह चलता है, उस प्रवाह को संतुलित किया जा सकता है । जीवन का प्रवाह चलता है, उसमें अनेक स्थितियां आती हैं । हम एक स्थूल उदाहरण ले-कुछ पक्षी ऐसे होते हैं जो अण्डों का सेवन करते हैं और कुछ ऐसे हैं, जो सेवन नहीं करते, बस सामने जाकर बैठ जाते हैं, देखते हैं और अंडे पक जाते हैं । मछलियां क्या सेक करती हैं ? नहीं करती । केवल दर्शन और स्पर्शन। कुछ पक्षी स्पर्श करते हैं, अण्डों पर बैठ जाते हैं। कुछ पक्षी केवल देखते हैं और देखने से ही अण्डे पक जाते हैं ।
देखने की शक्ति पर भरोसा करें
समस्या यह है— देखने की शक्ति पर अभी भरोसा नहीं है, विश्वास पैदा नहीं हुआ है । यदि हमारा विश्वास दृढ़ हो जाए, आत्म-संकल्प से देखें तो सारी क्रिया बदल जाएगी । साधक चैतन्य केन्द्रों पर ध्यान करता है, शरीर प्रेक्षा का प्रयोग करता है, यह न कोई जप है, न कोई ध्वनि है, न कोई मंत्र है, केवल दर्शन है। जब देखना शुरू करते हैं, तब वहां के सारे अवयव सक्रिय बन जाते हैं । यह देखने की शक्ति है । हम इस सचाई पर भरोसा करें कि देखने की शक्ति एक विचित्र शक्ति है। इसका कारण है आँख से देखते हैं तो आँख के द्वारा विद्युत् का गमन होता है ।
हमारे शरीर में से बिजली निकलने के कुछ स्रोत हैं । आँख, वाणी और अंगुलियों से काफी विद्युत् निकलती है | स्पर्श चिकित्सा में दक्ष व्यक्ति अंगुली का स्पर्श करते हैं, एकदम आराम सा मिलता है । जो लोग मर्दन करते हैं,
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