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गूंजते
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गूंजते गूंजते
॥
०
तुम्हारा गाया गाता हूं तुम्हारी पवित्र धरती तुम्हारे अस्तित्व के प्रति तुम्हारे पद-चिन्हों का अनुगमन करने से पूर्व तुलसी के प्रति तुला तू और मैं त्याग
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गूंजते भाव फूल फूल बन्दी
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बन्दी अनुभव बन्दी गूंजते
भाव
दान : आदान दिशा की खोज दीप : दीवट दीवट पर कोई दीया जला दूसरे को भी देखो दो वाद द्वन्द्व का क्रीड़ा-प्रांगण द्वन्द्व का क्रीड़ा-प्रांगण द्वन्द्व से निर्द्वन्द्व की ओर द्वन्द्व से निर्द्वन्द्व की ओर
भाव
विजय नास्ति नास्ति
४८
विजय
द्वत
भाव
द्वैध
बंदी
बंदी
बंदी
धर्म और शास्त्र धर्म की खोज धर्म की भूमिका धागा उलझता है इसलिए उसे मत तोड़ो धार और क्या है ?
बंदी
गूंजते गूंजते
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अनुभव अनुभव
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न छोटा, न बड़ा नन्दन वन के माली ! नम्रता नया और पुराना
भाव
भाव
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८२ / महाप्रज्ञ साहित्य : एक सर्वेक्षण
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