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________________ परिवर्तन का दिशा-संकेत परिवर्तन का सूत्र परिवर्तन का सूत्र परिवर्तन की परम्परा ( १ ) परिवर्तन की परम्परा ( २ ) परिवर्तन के हेतु : आलंबन और अभ्यास परिवर्तन मस्तिष्क का परिवेश का प्रभाव और हृदय परिवर्तन परिष्कार वैरवृत्ति का परिस्थिति का प्रबोध परिस्थितिवाद और हृदय परिवर्तन परिस्थितिवाद : दो दृष्टियां परोक्ष प्रमाण परोक्ष प्रमाण परोक्ष प्रमाण पर्दे के पीछे कौन पर्युषणा पर्युषणा पर्व-धर्म का मूल्यांकन पर्व-धर्म का मूल्यांकन पल्लवित संस्थाएं पवित्र प्रेरणा पवित्र प्रेरणा पात्र - कुपात्र विचार पारदर्शी दृष्टि : व्यक्त के तल पर अव्यक्त का दर्शन पारमार्थिक दया पारस्परिक विवादों के लिए स्वतन्त्र न्यायाधिकरण बने पार्श्वस्थ ३८ / महाप्रज्ञ साहित्य : एक सर्वेक्षण Jain Education International तेरापंथ कर्मवाद उत्तरदायी मेरी मेरी जीवन स्वस्थ उत्तरदायी कैसे सोचें सोया कैसे सोचें अणुव्रत जैन प्रमाण जैन मौलिक ( १ ) जैन दर्शन कर्मवाद जैन धर्म महावीर जीवन जैन धर्म महावीर जीवन धर्मचक्र जैन शास्त्र दया दान अहिंसा तत्त्व श्रमण अहिंसा विचारक महा अतीत For Private & Personal Use Only ४० १४६ ५२ १६६ १८० ७३ १०४ १२७ && २१० ११५ १२६ ५५ २७७ ६१२ १५७ २६ १२५ ३० १२६ २८२ ३७ ३७. १६८ २४० २४ ६५ १८१ www.jainelibrary.org
SR No.003141
Book TitleMahapragna Sahitya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDulahrajmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1988
Total Pages252
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Literature
File Size8 MB
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