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संस्कृत साहित्य
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साहित्य-मंडार की अमूल्य निधि मानी जाती है । प्रस्तुत लघु निबंध में लेखक ने लिखा है-भारतीय संस्कृति अध्यात्म-प्रधान है। संस्कृत उसकी आधार शिला है, यह मैं निःसंकोच कह सकता हूं।...... भारतीयों की संस्कृत भाषा के प्रति उदासीनता हितकर नहीं है।
प्रस्तुत पुस्तिका में तीनों परम्पराओं की धारा ने किस प्रकार संस्कृत के माध्यम से अध्यात्म को पुष्पित और पल्लवित करने का प्रयास किया, इसका निदर्शनों के द्वारा प्रतिपादन है।
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