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२१४ चिन्तन के क्षितिज पर
परन्तु दारमदार तो आखिर मनुष्य की अपनी वृत्तियों पर ही रहता है । वे बुरी हों तो शुद्ध से शुद्ध साधन को भी अशुद्धता के कीचड़ में सनते देर नहीं लगती। मैं उनके उस निष्कर्ष से सहमत था।
समय पर आगमन अमनजी एक भद्र एवं सरल परिणामी व्यक्ति थे। अपनी त्रुटि ध्यान में आते ही वे उसमें सुधार करने को उद्यत रहते थे। अहंकारी व्यक्तियों की तरह अपनी गलत बात को भी आग्रहवश सिद्ध करते जाने का स्वभाव उनमें नहीं था। बात उस समय की है, जब दिल्ली एक राज्य था। अमनजी उस समय वहां वित्त मंत्री थे। एक दिन अणुवत समिति की ओर से मध्याह्न में दो बजे पुरानी दिल्ली के व्यापारियों का एक सम्मेलन' रखा गया। अमनजी भी उसमें भाग लेने वाले थे। यथासमय काफी व्यापारी वहां पहुंच गए, पर अमनजी नहीं पहुंचे। खाली बैठेबैठे आगुंतकों को समय का अपव्यय अखरे नहीं, इसलिए मैंने उनसे बातचीत प्रारम्भ कर दी। उसी सिलसिले में पहले-पहल मैंने उन्हें जैन संतों के आचारव्यवहार की अवगति दी और फिर संतों द्वारा निर्मित कलात्मक वस्तुएं दिखलाई ।
मेरे सामने ही दीवार घड़ी लगी हुई थी अतः समय का मुझे पता तो था परन्तु उपचारवशात् मैंने पूछ लिया कि समय क्या हुआ है ? एक भाई ने कहा-ढाई बजे हैं। मुझसे काफी अच्छे परिचित एक अन्य व्यवसायी मेरे पार्श्व में ही बैठे थे। वे जरा मुस्कराए और व्यंग्य का तीक्ष्ण प्रहार करते हुए बोले-नहीं महाराज ! ये भाई आपको गलत बतला रहे हैं। अभी दो नहीं बजे हैं। अमनजी के आगमन से पूर्व वे बजने वाले भी नहीं हैं। वहां बैठे सभी व्यक्ति ठहाका मारकर हंस पड़े। हंसी तो मुझे भी आई, पर वह समय उल्लंघन की लज्जा के नीचे दबकर रह गई। मैंने तत्काल कार्यक्रम प्रारम्भ करने को कह दिया। मंगलाचरण ही हुआ था कि अमनजी भी पहुंच गए। __ एक वक्ता ने अपने भाषण में उक्त व्यंग्य का उल्लेख कर दिया। अमनजी ने तब अपने भाषण में बड़ी भाव-विह्वल भाषा में जनता से क्षमा याचना की । कार्यक्रम के पश्चात् वे मेरे पास आए और अपने विलम्ब के लिए अनुताप करते हुए क्षमा मांगने लगे। मैंने देखा कि उसके पश्चात् वे प्रायः प्रत्येक कार्यक्रम में यथासमय पहुंच जाते थे।
गये तब, आये तब अमनजी उस समय दिल्ली अणुव्रत समिति के अध्यक्ष थे । आचार्यश्री के सान्निध्य में होने वाले अणुव्रत अधिवेशन में सम्मिलित होने के लिए विचार-विमर्श हेतु
समिति की मीटिंग बुलाई गई। अनेक व्यक्ति जाने को उद्यत थे। उन सबका Jain Education International For Private & Personal Use Only
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