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________________ १० चिन्तन के क्षितिज पर नहीं कहा जा सकता, जो हितकारी न हो और हितकारी वही हो सकता है, जिसमें छल का प्रयोग नहीं किया गया हो। पंचतंत्र का यह श्लोक आदर्श का बोध देने वाला है। देने की भाषा में सोचें अनेक बुद्धिजीवी कुंठाग्रस्त होकर अपने कर्तव्य से उदासीन हो जाते हैं । वे सोचते हैं कि उनकी पूछ नहीं होती, समाज उनको उस स्तर का सम्मान नहीं देता, जिसके वे अधिकारी हैं। परन्तु उनका यह सोचना निर्दोष नहीं है। उन्हें तो लेने की भाषा में न सोचकर देने की भाषा में ही सोचना चाहिए। समाज ने तो उन्हें सब कुछ दिया ही है। सुरक्षा, सहयोग, संस्कार, भाषा, परिवार, व्यवहार आदि सभी तो समाज-प्रदत्त हैं । इसलिए समाज या राष्ट्र को वे क्या दे सकते हैं, यही सोचना उनके लिए उपयुक्त है। स्वार्थ से ऊपर स्वार्थ की बात तो प्रायः सभी सोचते हैं परन्तु बौद्धिकों को स्वार्थ से ऊपर उठकर सोचना चाहिए । व्यक्ति अपने स्वार्थों से ऊपर उठकर जब कोई कार्य करता है तो उसकी परिणति अवश्य ही मधुर फलदायक होती है । हजारों देश-भक्तों ने हजार वर्षों की गुलामी से मुक्त होने के लिए जब सम्मिलित प्रयास किया तब उसमें भी बौद्धिक व्यक्तियों ने ही मार्गदर्शन किया था। उनके स्वार्थ-त्याग और बलिदान ने समग्र देश को बलिदान के लिए कटिबद्ध कर दिया। देश की स्वतंत्रता उसी का परिणाम है। बलिदान देने वाले चले जाते हैं, पर उनका फल आगामी पीढ़ियां भोगती हैं। बौद्धिक वर्ग का दायित्व बौद्धिक होकर भी यदि कोई ऐसा सोचता है कि मेरे श्रम या बलिदान का लाभ मुझे ही मिलना चाहिए, दूसरों को नहीं, तो उसकी बौद्धिकता सदोष मानी जाएगी। साधारण व्यक्ति भी जानता है कि आज हमें जो प्राप्त है उसमें बहुलांश पूर्वजों के श्रम का फल है। ___ एक शिक्षाप्रद कहानी है। एक वृद्ध व्यक्ति अपने उद्यान में पौधे लगा रहा था। पास में खड़े दूसरे व्यक्ति ने कहा, 'तुम ८० वर्ष के हो चुके हो। ये पौधे फल देने योग्य होंगे तब तक तुम शायद ही जीवित रहोगे। तब फिर यह निरर्थक श्रम क्यों कर रहे हो?' वृद्ध ने कहा-मैं इनके फल न खा सका तो क्या हुआ? मेरे Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003140
Book TitleChintan ke Kshitij Par
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBuddhmalmuni
PublisherAdarsh Sahitya Sangh
Publication Year1992
Total Pages228
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Spiritual
File Size9 MB
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