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१८ चिन्तन के क्षितिज पर
उपयुक्त साधन उपलब्ध हों तो हजारों वर्ष पूर्व के व्यक्तियों की आकृतियां, उनका चिन्तन और शब्द आज भी पकड़े जा सकते हैं।
जैन चिन्तकों ने ईसा की अनेक शताब्दियों पूर्व पुद्गल या परमाणु विषयक जो अन्वेषण किया था, वह बहुत मौलिक और महत्त्वपूर्ण है । आज के विज्ञान की अन्वेषणाओं को उससे बहुत कुछ मार्ग-दर्शन मिल सकता है।
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