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अनुप्रेक्षा और भावना
लग जाते हैं। जब सूचनाओं के आधार पर ज्ञान - तन्तु काम करने में तत्पर रहते हैं तब हम उनसे लाभ क्यों नहीं उठाएं ? अपने-आप सूचना दें । पुराने को बदलने के लिए, नए को घटित करने के लिए सूचनाएं दें । उन तन्तुओं के साथ आत्मीयता स्थापित करें। जो होना चाहेंगे, वह अवस्था घटित होने लगेगी। परिणमन प्रारम्भ हो जाएगा। मन की शक्ति का विकास होने लगेगा । मन की शक्ति के जागरण की यह एक प्रक्रिया है । इसे हम समझें ।
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