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अनुभव का उत्पल
विपर्यय
इस दुनिया में सम्यक् कम है, विपर्यय अधिक । रोग कहीं है और चिकित्सा कहीं । भूख कहीं है और भोजन कहीं । चाह कहीं है और राह कहीं ।
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