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राजस्थानी शब्द-सम्पदा को तेरापंथ का योगदान
जग्या-जगहों
निजर-नज़र जबां खातरी-जबांखातिरी निजों -नज़रें
स्वनिर्मित शब्द-समास निशाणी-निशानी जमाखातरी-जमाखातिरी निसाण्यां-निशानियां । जमारो-जन्म
पैचाण-पहचान । जाब-जवाब
फखत-फक त मोरसोर-जोरशोर
फजीत-फजीहत ज्याज–जहाज
फन्दै-फन्दे ज्यादा-ज्यादः
फरज-फर्ज. ज्यान-जान
फरजन-फरजद झ्यान-जहान
फरमावै--- फरमाए ताजी-ताजा
फौजां-फौजें । दफ्तरां दफ्तरों
बखत, बगत-वक्त. दरद--दर्द
बगसीस, बकसीस-बख्शीश दरदी-दर्दी, रोगी
बगीचो-बगीचा दरवाजै -दरवाजे.
बजारां-बाजारों दरियाव-दरियादिल, उदार बदकार-बदीकार, अहितकारी दहलावै-दहलाता है
बदनीती-बदनियती दावो-दावा
बबर्ची-बावर्ची दिदार---दीदार
बहारां-बहारों दिदारी-दीदारदाँ
बा'दुरी–बहादुरी दिदारू-~~-दीदार
बिमारी-बीमारी दिलड़ो-दिल, ऊनवाचक
बेकाम-बेकार दुतरफो-दुतरफा
बेसुम्मार--बेशुमार दुश्मण-दुश्मन
मजब-मजहब दोझख ---दोजख
मजबून - मज़मून नजरानजरें
मजबूर्या-मजबूरियां नजारो-नजारा
मजल-मंजिल नजीक-नजदीक
मजला-मंजलें नरम-नर्म
मनाही-मुनादी, मनादी नरमाई-नर्मी
मरजी-मर्जी नरमी गरमी-नर्मी-गर्मी
मरदमी-मर्दुमी
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