SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 39
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २४ तेरापंथ का राजस्थानी को अवदान हराम हिदायत हस्ती हिम्मत हालत होश । अंग्रेजी शब्दों को भी तेरापंथी काव्य ने, और अधिकांशतः गद्य ने, अंगीकार किया है। तेरापंथी काव्य में प्रयुक्त अंग्रेजी शब्दों में से कुछ यहां दिये जाते हैं :अलमारयां बाबू रूम पुलिस बीमा शॉल फाइलों बोतल सीज़न फिल्म मार्केट सीन (दृश्य) फीस मिनट हॉल। तेरापंथी काव्य राजस्थानी मारवाड़ी भाषा में है। फिर भी, उसमें राजस्थानी के कतिपय विशिष्ट शब्दों का भी प्रयोग हुआ है, जो द्रष्टव्य है :-- अँवली सँवली-उल्टी-सीधी अनजल-----भोजन-पानी अगवाणी-स्वागत, अग्रगण्य अनोप-अनुपमेय अगाऊ---पहले से अबींह-निर्भय अगाड़ी-आगे अम्बरियो-आकाश अचंपलो अलख-जिसकी कल्पना न हो। अजोग -अयोग्य अलपभणी --कम शिक्षित अटावरी--जोरदार अलसाग---"अलस्य अठी वठी-इधर-उधर अलूझणा-उलझना अडाणे -गिरवी असवार अश्ववार, घुड़सवार अडीक-प्रतीक्षा आंधापणो अडोला-सूना आभै--सं अभ्रे-आ- अभ्भ अणखाणी-असुहानी आखाण अणखावणा-असुहावना इधको-सं. --ए अणखावणूं-अनखना, उजास ब्रज-अ उन्हा-गर्म अणगमो-अप्रसन्नता उन्हालो-ग्रीष्म ऋतु अणतेड़ी-बिना बुलाई हुई उपरन्त-प्रतिकूल अणहद-अनाहद, असीम उपासरा--मूर्तिपूजक संप्रदाय क' अतरे-इस बीच में धर्म-स्थान अतेड्यो उमायोड़ा-उमड़े हुए Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003137
Book TitleTerapanth ka Rajasthani ko Avadan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevnarayan Sharma, Others
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1993
Total Pages244
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & History
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy