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तेरापथ का राजस्थानी को अवदान
संलग्न है । मेरा निबन्ध केवल सन्तों तक सीमित है परन्तु उनके समस्त रचना-कर्म का सर्वेक्षण भी मैं नहीं कर सका हूं। मुझे जो रचनाएं सुलभ हो सकी, उन्हीं के आधार पर मैंने यह अधूरा-सा अध्ययन प्रस्तुत किया है । मैं इस तत्त्व के प्रति अचेत नहीं हूं कि अनेक महत्वपूर्ण कवियों और उनकी रचनाओं का उल्लेख मैं नहीं कर सका हूँ। लेकिन यह अवज्ञा के कारण नहीं मेरे अज्ञान के कारण हुआ है। उन सबके प्रति कर बद्ध क्षमा प्रार्थी
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